प्रार्थना
हम असत्य से बचें,
सत्य पर चलें, प्रभो!
ऐसा वर दो ।
अंधकार से हमें उबारो,
ज्यतिर्मयमानस कर दो।
विजयमृत्यु पर प्राप्त हमें हो,
देव! अमरता का दो वरदान ।
सत्य मार्ग पर चलकर पाएँ,
अमर ज्योति का नया विहान ।।
शांति और सुख मिले सभी को,
सबका जीवन मंगलमय हो ।
नहीं दुखी कोई भी जन हो,
नहीं किसी को कोई भय हो ।।
- उपनिषद् के आधार पर
यह प्रार्थना उपनिषद् के श्लोकों का भावानुवाद है। युगों से चले आ रहे जीवन के महान् आदर्श हमारे वर्तमान जीवन के लिए भी प्रेरणादायक हैं। यह प्रार्थना किसी धर्म-विशेष से संबंधित नहीं है। इसमें प्रकट की गई कामनाएँ मानवतावादी, सार्वभौमिक और सर्वकालिक हैं।
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